वोट्स एप के फायदें भी अनेक हैं और गैरफायदें भी अनेक हैं।
फायदा यह है की हम दूर रहते अपने सगें, रिश्तेदारों , मित्रों का संपर्क कर सकते हैं।संपर्क तीनों तरह से कर सकते हैं। औडियो, विडियो, लिखा हुआ संदेश या तसवीर वाला संदेस। पहले जब स्मार्ट फोन नहीं था, तब, बहारगाम या परदेस रहने वालें अपनेवालों को, कोई फोन करना चाहते थे, तब अपने घर से, कोई पड़ोसी के घर से, या फिर जिपिओ से ट्रंक कोल करवाना पड़ता था। फिर टेलिफोन बुथ खुलने लगे। जिसमें से तीन तरह के फोन कर सकते थे। स्थानिक,
देश के आंतरिक राज्यों में और परदेस में। वहाँ फोन करते समय, हमें अपना ध्यान बिल पर भी रखना पड़ता था। अगर ध्यान न गया तो… दिल हिल जाये ऐसा बिल आ जाता था!!! बाद में मोबाइल आया। इसमें प्रिपेईड और पोस्टपेईड दो तरीकोंसे बिल का शुल्क भरा जा सकता था। प्रिपेईड में तो बैलेंस खत्म, बात
खत्म!!! किंतु पोस्टपेईड में तो लंबाचौड़ा बिल आ जाता था। इस लिए अपनी जेब के हिसाब से बात चित करना पड़ता था। आज कल स्मार्टफ़ोन से लोग भी स्मार्ट हो गये हैं। लोग खुद फोन करें तो कम बातचीत और सामने से किसी का फोन आया तो, पुरी दुनियादारी की बातें
करने लगते थे!!!
अभी स्मार्ट फोन के वोट्स एप के द्वारा हम स्थानिक, आंतरिक राज्यों एवं परदेस फोन कर सकते हैं। वोट्स एप का अलग से शुल्क भी नहीं देना पड़ता!!!
मोबाइल पैकेज में ही समाविष्ट हो जाता है। वोट्स
एप इन्टरनेट से चलता है। हमें मोबाइल में नेट बैलेंस डलवाना पड़ता हैं, या तो घर में वाईफाई डलवाना पड़ता है। नैट बैलेंस के लिए कम से कम एक महिना का भुगतान भरना तो करना ही पड़ता हैं। यदि बैलेंस खतम होगा, फिर भी वाई फाई से वोट्स एप चल सकता है। वोट्स एप से संपर्क बनाया रहता हैं… अपनेवालों के साथ।
यदि अभी हम कभी थोड़े भले हो कर अपना मोबाइल नंबर किसी को देते हैं ,तो बहुत से लोग अपने हो जातें हैं, ऐसा हम समजते हैं !!!अभी हम वोट्स एप ग्रुपों के बारे में चर्चा करेंगे। कोई एक संस्था द्वारा अपने सभी सदस्यों को एक साथ कोई सूचना देनी हो तो ग्रुप संदेश काम में आता हैं। किंतु अन्य सदस्यों द्वारा इतने मैसेज भेजे जातें हैं की ऐडमिन मुखिये की तो सूचना ही गायब हो जाती हैं!!!
कभी कभी
ग्रुपों में कोन्गरेज्युलेशन एवं कोन्सूलेशन के संदेशें आपस में मिल जातें हैं। खेद किसके लिए हर्ष किसके लिए है वह तो राम जानें !!! हम ने तो
अपना संदेश भेज दिया है ना बस !!! आज कल नाना प्रकार के ग्रुपों बन रहे हैं । अभी हमारे द्वारा दिया गया हुआ नंबर लोग अपने दायरे वालें ग्रुप से जोड़ देते हैं । हमारी रजामंदी के बगैर!!! क्योंकी वे लोग सोचते है कि हम तो बहुत भले हैं!!!
आजकल हर पचास लोगों को छोड़कर वोट्स एप ग्रुप बनाया जाता हैं। अगर कोई अपने ग्रुप में डाल देते है तो ग्रुप के हेतु लक्ष आदि बताते नहीं। एक प्रकार के ग्रुप में अन्य संदेश भेजने वाले को ग्रुप से बाहर किया जाता है। यदि हम स्वयं ग्रुप से नीकल जातें हैं तो फिर हम भले नहीं रहते!!! एक ही संदेश तरह तरह के ग्रुपों में प्रवास करता है, आखिर में जिस ने सर्व प्रथम संदेश भेजा है उसी तक पहुंच जाता है!!! कोई धार्मिक स्तोत्र दिन में तीन बार पढ़ा जाता है। ठीक उसी तरह दिन में तीन बार संदेशें भेजा जाता है। कभी कभी हम आधी रात को जाग जाते हैं।हमें लगता है चलो एक बार मोबाइल देख लेते है, तब कोई कोई संदेश देख कर हमारी नींद उड़ जाती है! सुंदर स्त्री हमें एक टक देखती रहती है, फिर वहभूतनी या तो बंदरिया हो जाती है!!! भगवान भी वोट्स एप में अपनी पलकों को खोल बंद करते हैं। दिनों के हिसाब से तरह तरह भगवानों के दर्शन ग्रुपों में कराते हैं। फिर सभी फोटों को डस्ट बिन में डालना पड़ता हैं। कभी कभी कोई संदेश
सचमुच बहुत ही अच्छा होता है। तो पूरा ग्रुप ‘ वाह वाह प्रोड्क्ट ‘ बन जाता हैं। कभी कभी आपसी मतभेदों को मन भेद बनाया जाता हैं। कभी राजकीय, सामाजिक, ज्वलनशील संदेश आ जाते हैं। सामने वाले को हम जवाब नहीं दे सकते है तो उसे बुरा लग जाता है।
यदि हम कोई क्षेत्र में एक समान रुचि रखने वालों का ग्रुप बनाना चाहते हैं तो कृपया सामने वालों से अनुमति जरूर लें। ग्रुपोंमें क्षेत्र के अनुसार नियमावली जरूर रखें।
इस तरह वोट्स एप के फायदें एवं नुकसान हैं।

भावना मयूर पुरोहित हैदराबाद 13/9/2020/ ( रचना तिथि)
16/9/2022.