पानी
पानी तेरा स्वभाव कितना सरल है!!!
तु रंग हीन है, तु कद हीन है,
तेरे में जो रंग डालेंगे, उसी रंग का तु हो जाता है,
तेरे कद की कोई निश्चित व्याख्या नहीं,
तुजे जिस पात्र में डाला जाता है,
उस पात्र का कद तु ले लेता है,
तुजे गरम करेंगे तो तू , भांप बन जाता है,
तुझे ठंडा करेंगे तो तू, बरफ बन जाता है,
पानी तेरा स्वभाव कितना सरल है!!!
तुजे जिस परिस्थितियों में ढालेंगे,
तु परिस्थितियों के अनुरूप,
अपने आप को ढाल लेता है।
अगर मानव भी अपना स्वभाव पानी जैसा रखेंगा तो
यह दुनिया में कितनी शांति होती!!!!
भावना मयूर पुरोहित हैदराबाद
25/4/2022.