सिने सितारों
भावना मयूर पुरोहित हैदराबाद
10//8//2021//

प्रिय सिने सितारों,
आप की तसवीर लोग अपने सीने से लगाते हैं।
आप तो ज़मीं के तारे हो, लोगों के आकर्षण का केंद्र हो। राष्ट्र भाषा हिन्दी में आप दाम, मान- सम्मान, ईनाम-अकराम, आमदनी, एवोर्ड-रीवोर्ड पुरस्कार आदि कमाते हो।
अपनी कुदरती या कृत्रिम रूप राशि दिखाकर,
आप इतनी धनराशि कमाते हो,
उदाहरण जैसे:-
श्री कृष्ण को अपनी आठ पटरानियों ने अपने ज़ेवरात से तौला था। सारे जेवरों के सामने भगवान श्री कृष्ण का पलड़ा हिलता नहीं था। किंतु केवल एक तुलसी पत्र से माधव तौलें गयें थे। ठीक उसी प्रकार एक
ओर देश के सर्वोच्च पदाधिकारियों, अध्यापकों, हिन्दी की सेवा करने वाले की
सारी कमाई एक ओर ,और दूसरी ओरकेवल एक सिने सितारे की कमाई !!! जैसे ,”एक ओर
सारी ख़ुदाई और एक ओर जोरू का भाई!!!”
परदे के पीछे आपकी मेहनत काबिले दाद हैं।दिन के अठराह या बीस धंटे की कड़ी मेहनत
कभी कभी आपकी तबियत नाजुक हो,
या आप तनावग्रस्त हो… आपके ,” शो मस्ट
गो ओन… ” के हिसाब से आप अपना शुटिंग
जारी रखतें हो!!!
किंतु,
युवावर्ग आप को परदे पर अल्पवस्त्रों में देखते हैं। आप को मिलती अधिक धनराशि के बारे में सोच कर वे गुमराह हो जातें हैं। वे सोचते हैं, “हम पढ़ाई नहीं करेंगे तो चलेगा!!! किंतु हम
अल्पवस्त्रों पहनकर, फिल्मों में काम करके, आप के जैसे अधिक धन उपार्जन कर लेंगे !!!”
आप हिन्दी में या तो प्रादेशिक भाषाओं में, अर्थोंपार्जन करते हो। किंतु जब भी आप
पुरस्कार से सम्मानित होते हो, आप अपनी
प्रतिक्रिया अंग्रेजी में प्रदर्शित करते हो!!! आप
पुरस्कृत होते समय अंग्रेजी में बोलने
लगते हो, क्या कला की एक ऊंचाई प्राप्त करने के बाद आप को हिन्दी में बात करने
में शर्म आती है ??? या फिर आप को हिन्दी में बात करने का कोई जुर्माना भरना पड़ेगा???
पुरस्कार प्राप्त करन�
आप
पुरस्कृत होते समय अंग्रेजी में बोलने
लगते हो, क्या कला की एक ऊंचाई प्राप्त करने के बाद आप को हिन्दी में बात करने
में शर्म आती है ??? या फिर आप को हिन्दी में बात करने का कोई जुर्माना भरना पड़ेगा???
पुरस्कार प्राप्त करने के बाद आप क्या आप
प्रांतीय या हिन्दी भाषा भूल जातें हो ???
अगर ऐसा है तो चले जाओ आप अंग्रेजी
बोलने वाले देशों में। वहॉं आप को अपनी
रुप राशि के प्रदर्शन से धनराशि नहीं मिलेंगी।
वहॉं आप को धन मिलेगा , आप के काम करने के घंटों के हिसाब से!!! अगर आप को देश के लिए लगाव, नाज़ या प्यार दुलार हैं , तो आप
एक बार अंडमान निकोबार की जेल के दर्शन करके आओ। अंग्रेजों ने अपने देश पर क्या क्या ज़ुल्मों सितम किये थे, वह सारे चित्र देखकर आओ। आप हिन्दी में बात करेंगे तो
छोटे नहीं हो जाओगे । किंतु हिन्दी में बात करने से आप हिन्दी भक्त , हिन्दी सेवी कहलाएंगे। आप के अनुकरण से लोग हिन्दी में
बात करना सीखेंगे।
हिन्दी भाषा में वार्तालाप करने से देश में एकसूत्रता आयेंगी। आप के
हिन्दी में संभाषण करने से आप देशवासियों के दिलों में राज करेंगे।
भावना मयूर पुरोहित हैदराबाद
10//8//2021//