विषय: पुराने वर्ष में क्या सीखा?
भावना मयूर पुरोहित हैदराबाद
28/12/2021.
पिछले दो साल संजोग,
अलग थे, हमें सावधानी बरतनी पड़ी थी,
अपने लिए और अपने वालों की सुरक्षा हेतु,
कुछ परिवर्तन करना पड़ा था, किंतु परिवर्तन एक चुनौती है, परिवर्तन का स्वीकार कर हमें परिस्थितियों का सामना करना चाहिए।
पुराने वर्ष से हम कयी चीजें सीखें हैं,
लग्न संस्कार सादगी से हो सकते है, कम लोगों को बुलाना, बहार गाम से कम मेहमानों को बुलाना,

दु:खद प्रसंग पर
फोन से दु:ख व्यक्त करना,
घर में अनेक तरह के प्रसंग
आते हैं वह समयानुसार
संजोगो के हिसाब से मना
सकते है,
प्रसंग सुखद हो या दु:खद हो मनाने की मनाही नहीं,
किंतु कभी कभी संपन्न लोगों को देखकर,
जिसकी हालात ठीक नहीं,
वो लोग भी अपने आप को, खिंचते रहते है।
थोड़ी समझदारी से काम, किया जाय तो अच्छा है।
भावना मयूर पुरोहित हैदराबाद
28/12/2021.
बाहर का कम खाना,
घर के भोजन का महत्व समझना,