वात्सल्य
भावना मयूर पुरोहित हैदराबाद
6/12/2021.

प्रिया- पीयूष का प्रेम विवाह कितनी कठिन प्रतिक्षा एवं तपस्या के बाद
आनंद पूर्वक संपन्न हुआ।
दोनों को पुरी दुनिया अपने
घरोंदा रुप घर में समा गई थी। दोनों एक- दूसरे के बगैर नहीं रह सकते थे,
आज की महंगाई के जमाने में दोनों को अपनी अपने अपने घर से दूर दूर नौकरी पर जाना पड़ता था। दोनों अपने अपने यातायात के दौरान एक दूसरे से संपर्क में रहते थे।
फिर कार्य भार बढ़ जाने पर दोनों का संपर्क धीरे धीरे कम होने लगा। नौकरी पर आते तनाव की वजह से दोनों आपस में एक-दूसरे पर चिढ़ ने लगे।
फिर एक बार दोनों को वर्क फ्रोम होम करना पड़ा। दोनों ने एक बार फिर एक दूसरे पर अपनी अपनी जान न्यौछावर करना चाहा।
दोनों ने सोच लिया हम दोनों समय पत्रक तैयार करके अपने जीवन की बगिया महका देंगे।
अभी उनकी दुनिया में एक नन्हा मेहमान भी है।
कुछ दिन पीयूष को लगता था, प्रिया उसे ठीक से समय नहीं देती। वह मन ही मन में धूंटने लगा।
एक बार वो दोनों ने अपने घर के पास एक वृक्ष पक्षी जोड़े का अपने बच्चों के प्रति प्रेम देखकर , वो दोनों ने भी अपने बच्चे प्रति वात्सल्य जताने अलग अलग पारी वाली नौकरी शुरू कर दी। पीयूष को जब बच्चा संभालना पड़ा तो उनकी आंखें खुल गईं।
फिर वो दोनों अपने बच्चे का अच्छी तरह पूरे वात्सल्य के साथ परवरिश करने लगे।
जब माधव स्कूल में जाने लगा फिर दोनों ने एक समय पारी वाली नौकरी कर ली।
भावना मयूर पुरोहित हैदराबाद
6/12/2021.