2/10/2022.

सावन के झुले में,
दो सखियों ने,
अपना मन- मिलाप किया,
दोनों सहेलियों अपने अपने पिया मिलन की,
बातचीत करते तरह तरह
के भावों को व्यक्त करतीं हैं, भाव विभोर होकर,
एक दूसरे को गले लगाती हैं, अपने सुखदु:ख, आपसमें सांझा करतीं हैं,
दोनों एक दूसरे को,
अपने आप को आयने ,
की तरह झांकती हैं,
दोनों सहेलियों को देखने,
मोर आ गयें, मन मोर नाचें
सखियों का सावन के झुले में, सावन का झुला
सखियों का प्यारा झुला।
भावना मयूर पुरोहित हैदराबाद
2//8//2021//