पानी तेरा स्वभाव कितना सरल है!!!
तु रंग हीन है, तु कद हीन है,
तेरे में जो रंग डालेंगे, उसी रंग का तु हो जाता है,
तेरे कद की कोई निश्चित व्याख्या नहीं,
तुजे जिस पात्र में डाला जाता है,
उस पात्र का कद तु ले लेता है,
तुजे गरम करेंगे तो तू , भांप बन जाता है,
तुझे ठंडा करेंगे तो तू, बरफ बन जाता है,
पानी तेरा स्वभाव कितना सरल है!!!
तुजे जिस परिस्थितियों में ढालेंगे,
तु परिस्थितियों के अनुरूप,
अपने आप को ढाल लेता है।

पानी की तलाश में, फिर ना पड़ता
है, डगर डगर , जलाशयों तक, लोगों को,
जहां पानी की तंगी है।
अपने पुराणों में समझाया
गया हैं, पानी की कितनी मुश्किलें आ सकती हैं।
एक ओर पानी का व्यय बेफ़ाम।
5 stars होटलों में हर जगह फिल्टर वोटर का दुरर्व्यय !!!
घरों में ब्रश करते समय, दाढ़ी बनाते समय, सावर में , बागों में,
कहीं नल गलता हो, पाईप लाईन
की मरम्मत करानी हो, पानी की टंकियां छलकती हुई , स्वीमींग पूल,
न जाने और कितनी जगहों में,
कितने टन पानी का दुर्व्यय होता हैं।
जहां पानी की तंगी हैं, वहां के लोग,
एक एक बूंद के लिए , पानी के लिए,
तरसतें हैं। फिर…
नीकलना पड़ता हैं उन्हें…
पानी की तलाश में …!!
सार्वजनिक जलाशयों ,का पानी भी लोग खराब करतें हैं।
लोकमाता नदीयों के पानी में,
औद्योगिक राशायणों डालतें हैं।
पानी की तलाश में, फिर ना पड़ता है, डगर डगर , जलाशयों तक, लोगों को, जहां पानी की तंगी है। अपने पुराणों में समझाया गया हैं, पानी की कितनी मुश्किलें आ सकती हैं। एक ओर पानी का व्यय बेफ़ाम। 5 stars होटलों में हर जगह फिल्टर वोटर का दुरर्व्यय !!! घरों में ब्रश करते समय, दाढ़ी बनाते समय, सावर में , बागों में, कहीं नल गलता हो, पाईप लाईन की मरम्मत कराना
चाहिए।
पानी का एक भी बुंद व्यय नहीं करना चाहिए,
क्यों कि पानी का एक बुंद भी
किसी की जान बचा सकता है।
भावना मयूर पुरोहित हैदराबाद