पहले के जमाने में,
जब कुछ लोग होते थे…
समझदार, होशियार,
वयोवृद्ध, ज्ञानोवृद्ध,
अनुभव सिद्ध, काबेल काबे,
तन्दुरस्त, मन्दुरस्त,
यह दुनिया में सब से,
मुठ्ठी ऊंचे।
ऐसे लोग के लिए हम कहते थे,” अरे भाई इन्होंने तो
घाट घाट का पानी पिया है!!!”
अभी फिल्टर वोटर की इतनी
भरमार कि लोग कहते हैं,
” अरे भाई! इन्होंने तो ब्रांड
ब्रांड की फिल्टर वोटर की
बोतलों का पानी पिया हैं!!!”

भावना मयूर पुरोहित हैदराबाद