*भारत के सबसे छोटी उम्र के जगद्गुरु बनने पर महेन्द्रानन्दगीरीजी महाराज को शुभकामनाएँ व बधाई।*
भारत के सबसे छोटी उम्र के जगद्गुरु बनने पर महेन्द्रानन्दगीरीजी महाराज को अनंत शुभकामनाएँ व बधाई।
श्रीपंचदशनाम जुना अखाड़ा जुनागढ, गुजरात के अनंत विभूषित श्री श्री १००८ महामंडलेश्वर महेन्द्रानन्दगिरी महाराज जो गर्गाचार्य की परंपरा व संपूर्ण सनातन की परंपरा के निर्वाहक है उन्हे आज के शुभ दिन पर वैदिक परम्परानुसार गुरुमहाराज श्रीमहंत हरिगिरिजी व चारो मढी तथा अखाड़ो के साधु-संत, महात्मा व सभी पदाधिकारीओ की सहमती और उपस्थित में प्रयागराज की त्रिवेणी संगम की सिद्ध भूमी पर जगद्गुरु की उपाधि से विभूषित किया।
काशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगद्गुरु नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि महामंडलेश्वर के रूप में महेंद्रानंद गिरि महाराज ने सनातन धर्म की जो सेवा की और उसका परचम देश ही नहीं पूरे विश्व में फहराया, उसे देखते हुए ही उन्हें गर्गाचार्य पीठ की परम्परा के अनुसार पीठ का जगदगुरु बनाया गया है। श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद सनातन धर्म को मजबूत कर देश में रामराज्य स्थापित करने व भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने के प्रयास में लगा है। इस कार्य के लिए महेंद्रानंद गिरि महाराज ने अपना पूरा जीवन ही सनातन धर्म को समर्पित कर रखा है। इसी के चलते उन्हें गर्गाचार्य पीठ का जगतगुरु बनाया गया है। श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज ने कहा कि महामंडलेश्वर महेंद्रानंद गिरि महाराज के जगतगुरु बनने से सनातन धर्म का परचम पूरे विश्व में फहरेगा। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि जगतगुरु महेंद्रानंद गिरि महाराज ने सनातन धर्म के लिए जिस प्रकार अपना जीवन समर्पित कर दिया है, उससे लाखों-करोडों लोग प्रेरणा ले रहे हैं। उनके हजारों शिष्य हैं, जो सनातन धर्म को मजबूत करने का कार्य कर रहे हैं। वे हिंदुओं को एकजुट करने के साथ जाति-पाति के भेदभाव को मिटाने का कार्य भी कर रहे हैं। यही कारण है कि वे शिष्य बनाते जाति नहीं देखते हैं, बल्कि अपने समाज, देश व हिदू धर्म के प्रति उनके समर्पण को देखते हैं। उनके गर्गाचार्य पीठ का जगतगुरु बनने से हिंदू धर्म एकजुट व मजबूत होगा।