लोक डाउन में सरीता जी ने, खोली ज्ञान सरीता।
ज्ञान पीपासु गोताखोरों को ढूंढा।
सामान्यतः गोताखोरों नमकीन पानी में डूबकी लगातें हैं । ंं
यहां तो मीठे पानी में डूबकी , लगातें हैं। प्रेम का मीठा जल।
प्रेम दिन मनाने वाले दिन,
14/2/2021. संस्था ने अपने
पंख पसारे , साहित्य जगत में,
चारों ओर से छोटे _बडें ,
सिद्ध नवांकुर सभी ,
ज्ञान पीपासुओं को एक साथ
जोड़े गए हैं।
महासागर में तो बड़ी मछलियां,
छोटी छोटी मछलियों को निगल,
जाती हैं, यहां तो बड़े बड़े सिद्ध
हस्तों छोटी छोटी
छोटी छोटी मछलियों को निगल,
जाती हैं, यहां तो बड़े बड़े सिद्ध
हस्तों छोटी छोटी मछलियों को,
काव्य शास्त्र में निपुण करते हैं।
सभी साथ में मिलजुल कर,
काव्य शास्त्र विनोदेन् करते हैं।
एक दूसरे की सराहना करते हैं, और कभी कभी मार्ग दर्शन भी करते हैं।
सूत्रों का आधार हैं सूत्रधार।
रंग बिरंगी मोतीओं को,
एक धागे में पिरो दिया,
ज्ञान की सरीता बहाते चलो।
ज्ञान की सरीता बहाते चलो।
सूत्रधार मंच से,
सूत्रधार मंच में,
अपने आप को , और सूत्रधार मंच
को सजाते चलों।
ज्ञान की सरीता में डूबकी लगातें
रहो।
भावना मयूर पुरोहित हैदराबाद