<h4>आजादी की गाथा</h4> <h4>19/9/2022.</h4> <h4>आजादी की गाथा</h4> <h4>सबसे बड़ी गाथा</h4> <h4>यह है कि हम अभी</h4> <h4>आजाद हुए है फिर भी</h4> <h4>हमारा मानस गुलामी है,</h4> <h4>ज्यादा तर मातृभाषाओं,</h4> <h4>लुप्त हो रही है, कयी </h4> <h4>बोलीयॉं गायब!!!</h4> <h4>अपनी मातृ भाषा ,</h4> <h4>आयेगी तभी तो</h4> <h4>हमारी अगली पीढ़ी,</h4> <h4>को जानकारी मिलेगी,</h4> <h4>कि हमारा कितना</h4> <h4>भव्य इतिहास था,</h4> <h4>कितने लोगों ने ,</h4> <h4>अपने खून से हमारी</h4> <h4>आजादी की गाथा लिखी है!!!</h4> <h4>भावना मयूर पुरोहित हैदराबाद</h4> <h4>4/12/2022.</h4>