रक्षामंत्री राजनाथ सिंह उत्तराखंड में चीन सीमा पर स्थित अग्रिम चौकी पर सेना व आईटीबीपी के जवानों के साथ विजयादशमी मनाएंगे। इस अवसर पर वह सेना के शस्त्र पूजन कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे। उनका बदरीनाथ दर्शन का भी कार्यक्रम है।
श्री राजनाथ सिंह के व्यक्तिगत जीवन के बारे मैं बात करें तो-
राजनाथ सिंह का जन्म 10 जुलाई 1951 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ। इनका प्रारंभिक जीवन चंदौली जिले के भाभवरा गांव में बीता। राजनीति में आने से पहले फ़िज़िक्स के लेक्चरर के रूप में राजनाथ सिंह कार्य करते थे। वर्तमान रक्षा मंत्री के पद को संभालने से पहले उन्होंने भारत के गृह मंत्री उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और अन्य आवश्यक पदों को संभाला है।
राजनाथ सिंह एक साधारण राजपूत परिवार से ताल्लुक रखते है ,जो किसानी का कार्य करते थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव में पूरी हुई है। अपनी प्रारंभिक शिक्षा को पूरी करने के बाद विज्ञान के क्षेत्र से अपनी पढ़ाई को उन्होंने आगे जारी रखा और उत्तर प्रदेश के गोरखपुर यूनिवर्सिटी से फ़िज़िक्स में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। इसके बाद महज 13 साल की आयु में उन्होंने स्वयंसेवा संघ के साथ ख़ुदको जुड़ा। इसके बाद अपने मास्टर्स की पढ़ाई को पूरा करने के बाद मिर्जापुर में फ़िज़िक्स के लेक्चरर के रूप में कार्य करते थे।
अपने लेक्चरर की नौकरी के दौरान वह सेवा संघ के एक सक्रिय नेता थे। इसके बाद उन्होंने मिर्जापुर में आरएसएस के महासचिव के रूप में कार्य किया। इसके बाद 1975 में भारतीय जनता पार्टी के एक प्रमुख नेता के रूप में सबके समक्ष आए। इसके बाद 1977 में मिर्जापुर से उन्होंने विधानसभा का चुनाव जीता और विधायक के रूप में कार्य किया। उसके बाद बहुत सारे महत्वपूर्ण इस चुनाव में उन्होंने अहम् भूमिका निभाई जिसके दौरान राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में भी कार्य किया। बीते कुछ सालों में हमने राजनाथ सिंह को गृह मंत्री और रक्षा मंत्री के रूप में कार्य करते हुए देखा है ।
राजनाथ सिंह की शिक्षा –
इस वक़्त राजनाथ सिंह एक पढ़े-लिखे राजनेता है। अपने गांव से अपनी प्रारंभिक शिक्षा को पूरा करने के बाद उत्तर प्रदेश के गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और मास्टर्स की डिग्री को हासिल किया। अपनी शिक्षा की पूरी प्रक्रिया के दौरान उन्होंने विज्ञान विषय का चयन किया ।राजनाथ सिंह पढ़ाई में बचपन से बहुत ही अच्छे थे उन्हें विज्ञान में काफ़ी अधिक रूचि थी जिस वजह से फ़िज़िक्स के क्षेत्र में उन्होंने काफ़ी कंपटीशन भी जीता ।
1975 में मिर्जापुर जिला से उन्हें जनसंघ का जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इसके बाद 1977 में मिर्जापुर से विधानसभा चुनाव जीतकर वहां के विधायक के रूप में कार्य करना शुरू किया। इस वक़्त वह जेपी आंदोलन से बहुत प्रभावित हुए थे 1975 में जेपी आंदोलन से जुड़ने की वजह से उन्हें राष्ट्रीय आपातकाल में गिरफ़्तार भी किया गया। उस वक़्त उन्होंने मिर्जापुर और अन्य इलाकों में प्रचलिता हासिल की। जिसके बाद 1984 में उन्हें भाजपा युवा विंग का राज्य अध्यक्ष चुना गया। इसके बाद 1988 में उन्हें उत्तर प्रदेश के विधानसभा परिषद में भी चुना गया। राजनाथ सिंह 2000 से 2002 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के मुख्य अध्यक्ष के रूप में 2009 तक काम किया। इसके बाद 2019 तक हमने राजनाथ सिंह को गृह मंत्री के रूप में कार्य करते हुए देखा है। इसके बाद से राजनाथ सिंह भारत के रक्षा मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में दुनिया इस तरह जुड़ी है जैसा पहले कभी नही था। इसमें भी रसद (Logistic) और आपूर्ति श्रृंखला की बड़ी भूमिका है। हम दुनिया के एक हिस्से में बैठकर दूसरे हिस्से की जानकारी प्राप्त करने के साथ कोई सामान भी मंगवा सकते हैं। किसी देश की अर्थव्यवस्था को और ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक मजबूत, सुरक्षित और त्वरित रसद आपूर्ति प्रणाली एक महत्त्वपूर्ण आवश्यकता होती है। आज हमारा देश दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। ऐसे में देश में रसद को एकीकृत करने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने अनेक महत्वपूर्ण नीतियां तैयार की हैं।
-डॉ दक्षा जोशी
अहमदाबाद
गुजरात ।
