
पियानो परदेसी वाद्य!!!
सूर में हो तब ‘ पिया’ का !!!
हिन्दी फिल्मों में कभी…
नायक-नायिका प्रणयभंग से,
दु:खि हो; प्रणय त्रिकोण का
एक कोने की असली या तो
नकली बेवफाई दिखाने के लिए;
या तो कुछ मजबुरी हो तब,
अपने दर्द के भावों को व्यक्त;
करने हेतु पियानो बजाने
बैठ जाते हैं ।
पियानो पर अपनी उंगलीयों
से ज़ोर ज़ोर से पियानो बजाते हैं।
क्या तब पियानो को दर्द नहीं होता???
भावना मयूर पुरोहित हैदराबाद